Shodashi - An Overview
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Oh Lord, the master of universe. You are definitely the Everlasting. You would be the lord of all the animals and all the realms, you are The bottom from the universe and worshipped by all, without having you I'm not a soul.
It absolutely was in this article too, that The good Shankaracharya himself mounted the graphic of the stone Sri Yantra, perhaps the most sacred geometrical symbols of Shakti. It could continue to be considered nowadays in the inner chamber on the temple.
The reverence for Goddess Tripura Sundari is apparent in the way in which her mythology intertwines Together with the spiritual and social fabric, offering profound insights into the character of existence and the path to enlightenment.
हर्त्री स्वेनैव धाम्ना पुनरपि विलये कालरूपं दधाना
॥ इति श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः सम्पूर्णः ॥
चक्रेऽन्तर्दश-कोणकेऽति-विमले नाम्ना च रक्षा-करे ।
हरार्धभागनिलयामम्बामद्रिसुतां मृडाम् ।
सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥
Celebrated with fervor during Lalita Jayanti, her devotees find her blessings for prosperity, knowledge, and liberation, locating solace in her various types plus the profound rituals connected to her worship.
लब्ध-प्रोज्ज्वल-यौवनाभिरभितोऽनङ्ग-प्रसूनादिभिः
Goddess Lalita is worshipped via many rituals and methods, together with traveling to her temples, attending darshans and jagratas, and doing Sadhana for each worldly pleasures and liberation. Every Mahavidya, like click here Lalita, has a selected Yantra and Mantra for worship.
संक्रान्ति — प्रति मास जब सूर्य एक संक्रान्ति से दूसरी संक्रान्ति में परिवर्तित होता है, वह मुहूर्त श्रेष्ठ है।
Her narratives usually highlight her job while in the cosmic fight towards forces that threaten dharma, thereby reinforcing her position as a protector and upholder with the cosmic buy.
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।